अब को जन्म सुधारो
अब को जन्म सुधारो,गुरुजी म्हारो अब को जन्म सुधारो
नही भुलुंगा जस तुम्हारो॥
गुरु बिन सहाय करे कौन जिव की,तिरथ करहू हजारो।
पति बिन शोभा क्या त्रिया की,क्या बिधवा को सिंगारो॥
घडी दो घडी मै करहू विनति,वेगा सुनजो पुकारो।
आप गुरुजी मेरे पर उपकारी,अवगुण चित ना धारो॥
गुरु बिन ग्यान ध्यान सब फोकट,फोकट नेम हाजारो।
बैकुण्ठ स पच्छा फिर आया,सुकदेव नाराद प्यारो॥
राम मिलन कि राह बताओ,ना मेट्यो मन मेरो।
कहे जन सिंगा सुनो भाई साधु,सिर पर पंजो तुम्हारो॥
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